How to Start eCommerce Business

दोस्तों अगर आप ई कॉमर्स बिजनेस को शुरू करने का प्लान कर रहे हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर हैं क्योंकि आज दोस्तों हम आपको ई-कॉमर्स बिजनेस से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को साझा करेंगे।  जैसा कि हम सभी जानते हैं वर्तमान समय में ई कॉमर्स बिजनेस ने अपनी पहुंच घर घर में बना ली है अब लोग छोटी छोटी चीजों के लिए भी ऑनलाइन ही सर्च करते हैं या फिर यूं कहें कि ऑनलाइन मंगाना पसंद करते हैं।


How to start eCommerce business


इसके पीछे कई कारण है जैसे कि समय की बचत चूंकि वह प्रोडक्ट आपको मार्केट से कम दाम में प्राप्त हो जाता है तो इसलिए पैसे की बचत और सबसे इंपॉर्टेंट इन सब के साथ आपको कुछ ना कुछ ऑफर तो जरूर मिलता ही है।



इनशॉट दोस्तों ऑनलाइन शॉपिंग करने के बहुत से फायदे होते हैं और यही वजह है कि वर्तमान समय में अधिकांश तो लोग ई-कॉमर्स पर शॉपिंग करना ज्यादा पसंद करते हैं।  इसलिए हम यह कह सकते हैं कि ई-कॉमर्स बिजनेस करने का सबसे अच्छा प्लेटफार्म है चाहे वह मैन्युफैक्चर के रूप में हूं या फिर सेलर के रूप में आप दोनों ही तरीके से ई-कॉमर्स बिजनेस प्लान को शुरू कर सकते हैं उससे जुड़ सकते हैं।



हालांकि यह इतना आसान नहीं होगा इसके लिए आपको कुछ प्रक्रियाओं से होकर गुजर ना होता है तभी आप अपने ई कॉमर्स बिजनेस प्लान को शट अप कर सकते हैं। इसीलिए दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको ई कॉमर्स बिज़नेस प्लान से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को प्रदान करने वाले हैं। ई कॉमर्स बिज़नेस से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को प्राप्त करने हेतु हमारे आज के इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।



ई-कॉमर्स क्या होता है?

दोस्तों आजकल का युग डिजिटल युग है और सभी डिजिटलाइजेशन की ओर बढ़ रहे हैं। इसी युग का सबसे बड़ा हथियार है ईकामर्स यानि कि इलेक्ट्रॉनिक कामर्स जहां पर हर डिजिटल माध्यम से खरीददारी करता है। आज के समय में हम सभी ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म पर ज्यादा भरोसा करते हैं।



अधिकतर करके हम कोई भी शॉपिंग करते हैं तो हम पहले उसे ई-कॉमर्स वेबसाइट पर चेक करते है। आजकल लोग घंटों समय निकालकर मार्केट जाने से परहेज करने लगे हैं। चाहें किचन का सामान हो या उनके कपड़े वह सब कुछ ऑनलाइन ही मंगाने लगे हैं और ई-कॉमर्स प्लेटफार्म एक ऐसा प्लेटफार्म है जहां पर आप की जरूरतों के सारे सामान घर बैठे डिजिटल तरीके से ही आपको उपलब्ध होते है।



इसलिए यह यही वजह है कि वर्तमान समय में यह प्लेटफॉर्म बहुत तेजी से बढ़ रहा है। ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म से जुड़कर बहुत सारे युवाओं को नौकरी मिल रही है और अब हर किसी के लिए ई-कॉमर्स के जरिए जुड़कर बिजनेस करना भी आसान है।



यह कहना गलत नहीं होगा कि युवाओं के लिए ई कॉमर्स आजकल बेहतर और आसान से प्लेटफॉर्म हो गया है। पहले का जमाना गया जब घंटों समय निकालकर मार्केट जाना होता था किसी भी छोटे सामान के लिए भी अब हर एक धर्म की चीज यहां तक की दवाइयां भी ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म पर आसानी से लोगों को उपलब्ध हो रही है।



ई कॉमर्स बिज़नेस क्या होता है?

दोस्तों कोई भी ऑनलाइन प्रदान कि जाने वाली सामान या सर्विस ऑनलाइन होती है या कस्टमर द्वारा ऑनलाइन पसंद करके आर्डर दिया जाता है उसे हम ईकॉमर्स बिजनेस कहते हैं। आमजन की शब्दों में कहें तो ईकॉमर्स ऑनलाइन घर बैठे शॉपिंग करने का एक बहुत ही बढ़िया और आसान जरिया है।



ईकामर्स बिजनेस हमारे देश में एक तरह का जाल बनकर फैल चुका है और वर्तमान समय में ई-कॉमर्स के क्षेत्र में ई-कॉमर्स बिजनेस से संबंधित बहुत सारी वेबसाइट शुरू किए जा चुके हैं। यदि इसकी शुरुआत की बात की जाए तो इसकी शुरुआत सबसे पहले अमेरिका में हुई थी।



बहुत सारी अमेरिकन कंपनियों को देखखर ही इंडिया में भी इस बिजनेस को तवज्जो दी गई। अभी भी अमेरिकी कंपनियों में भारतीय ईकॉमर्स बिजनेस प्लेटफॉर्म पर काम कर रहे हैं और बहुत सारी ऐसी कंपनियां है जो अमेरिका तक बिजनेस कर रही है।



आपने अपने देश भारत में अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, इंडियामार्ट, स्नैपडील जैसी बहुत सारी कंपनियां देखी होगी और इससे शॉपिंग भी की होगी। इन सभी प्लेटफार्म पर आपकी जरूरत की सभी चीजें आसानी से मिल जाती है और वो एक्साइटिंग अमेजिंग ऑफर्स के साथ जिसे आप स्मार्ट तरीके से अपने स्मार्टफोन या कंप्यूटर के जरिए अपनी मनपसंद से स्वयं पसंद करके खरीद सकते हैं।



दोस्तो आपकी जानकारी के लिए बताना चाहेंगे कि भारतीय ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म में भी बहुत सारी कंपनियां ऐसी हैं जिनसे जुड़कर आप अच्छी अपना अच्छा खासा बिजनेस स्टार्ट कर सकते और घर बैठे बैठे ही हर महीने लाखों रुपए कमा सकते हैं।


ई कॉमर्स बिज़नेस कितने प्रकार का होता है। -

दोस्तों अगर ई कॉमर्स बिज़नेस के प्रकार के बारे में बात की जाए तो मुख्य तीन प्रकार के होते हैं -



1-B2B -

आपने अक्सर इस तरह के ईकामर्स बिजनेस के बारे में सुना और पढ़ा होगा। दोस्तो B2B का मतलब होता है बिजनेस टू बिजनेस इसके अंतर्गत हम अपने प्रोडक्ट को कोई अन्य बिजनेस वेबसाइट या फिर यूं कहे कि ई कामर्स बिजनेस से जुड़कर बेचते हैं।



उदाहरण के तौर जैसे मान लीजिए हम किसी चीज की मैन्युफैक्चरिंग करते हैं पर वह कोई कपड़ा ही हो गया तो उस कपड़े को डिस्प्ले करने के साथ ही सेल करने तक का काम किसी भी वेबसाइट से जुड़कर किया जा सकता है। उस बिजनेस को हम B2B बिजनेस कहेंगे।



2 - B2C -

दोस्तो इस बिजनेस को B2C यानि कि बिजनेस 2 कस्टमर कहते हैं। अगर इसमें हम अपने प्रोडक्ट को डायरेक्ट कस्टमर को बेचते हैं या फिर अपनी खुद की वेबसाइट और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए हम अपने प्रोडक्ट को कस्टमर को भेजते हैं तो इसे हम B2C बिजनेस कहते हैं।



3 - C2C -

दोस्तो यह बिजनेस एक कस्टमर से कस्टमर के बीच में चलता है। जैसे मान लीजिए किसी भी प्रोडक्ट को कोई भी होल सेलर अपने कस्टमर को बेचता है और वह कस्टमर उस प्रोडक्ट को अपने प्रॉफिट मार्जिन पर किसी और कस्टमर को बेचता है तो इस बिजनेस को हम कस्टमर टू कस्टमर यानि C2C बिजनेस कहेंगे।



ई कॉमर्स बिज़नेस क्यों शुरू करें -

दोस्तों हम सभी जानते हैं कि हमारा देश जनसंख्या में दूसरे नंबर पर है और इसीलिए हमारा मार्केट भी काफी बड़ा है। जो हमें रोजगार के अवसर के साथ-साथ ढेर सारी संभावनाएं भी प्रदान करती है। वर्तमान समय में हम सभी देख रहे होंगे कि इकॉमर्स बिजनेस बहुत तेजी से बढ़ रहा है और ऐसे में अपनी खुद की एक सेलिंग वेबसाइट बनाकर प्रोडक्ट को सेल करना एक अच्छा फ्यूचर बिजनेस हो सकता है।



अगर हम खुद की वेबसाइट नहीं बनाना चाहते तो हम किसी से जुड़कर भी अपना काम कर सकते हैं। घर बैठे ऑनलाइन प्रोडक्ट को सेल करना दुनिया भर के कस्टमर को जोड़ना एक बहुत बड़ा काम है। पहले और अब के जमाने में काफी अंतर है पहले लोग ई कॉमर्स प्लेटफार्म पर भरोसा नहीं करते थे। लेकिन अब ई-कॉमर्स बिजनेस का एक फॉर्म एक ऐसा प्लेटफार्म है जिसके जरिए लाखों करोड़ों लोग जुड़कर बिजनेस कर रहे हैं और कस्टमर भी बने हैं।



आने वाले समय में इकॉमर्स प्लेटफॉर्म का आने वाले समय में ई-कॉमर्स प्लेटफार्म का कारोबार लगभग 40 बिलियन डॉलर का हो जाएगा और ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है कि आने वाले समय में यह और तेजी से ग्रोथ करेगा और सर्वाधिक संख्या में अपने से लोगों को जोड़ेगा।



ई-कॉमर्स बिजनेस शुरू करने के फायदे -

1. कम वित्तीय लागत - दोस्तो ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म में लागत कम है क्यों के स्थाई तौर पर किसी दुकान का बंदोबस्त नहीं करना होता ना ही सामान को स्टोर करना होता है तो ऐसी स्थिति में आपके पैसे की बचत होती है।



2. संभावित आय - ऑनलाइन स्टोर हमेशा खुला रहता है उसका कोई समय नहीं होता। कोई भी ऑफलाइन स्टोर सुबह 11:00 से शाम 4:00 खुलता है और आप चाहे तो उसे 7:00 बजे या उससे कुछ अधिक समय तक खोल सकते हैं। लेकिन इसके विपरीत ऑनलाइन स्टोर पूरी रात कभी भी ओपन करके बुक किए जा सकते हैं। ऐसे मे इसके संभावित आय हमेशा बने रहते है।



3. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सेलिंग - दोस्तो कोई भी ईकॉमर्स वेबसाइट पर कोई भी कभी भी कहीं से भी सामान खरीद सकता है। इसके लिए कोई सीमा नहीं है कि आपके साइट से बस यही के लोग सामान खरीदिगे। इसके विपरीत ऑफलाइन स्टोर दुकान जहां पर स्थित होती है वहां से जुड़े लोग वहां पर शॉपिंग कर पाते हैं।



4. बेस्ट सेलर दिखाने में आसान - अगर आप किसी साइट से या फिर किसी दूसरे के ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म पर अपना प्रोडक्ट सेल कर रहे हैं तो बहुत ज्यादा सेल होने पर आपको और आपके प्रोडक्ट को बेस्ट सेलर दिखाया जाता है और कोई भी प्रोडक्ट के सेलिंग बहुत ज्यादा हुई है और कस्टमर द्वारा रेटिंग दी गई है तो वह बेस्टसेलर के अंतर्गत आता है।



5. वहनीय कर्मचारी - ऑनलाइन ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म का सबसे बड़ा यह फायदा होता है इसमें कर्मचारी की जरूरत पर आप अपने अनुसार इन्हें नियुक्त कर सकते हैं। शुरुआत में आप चाहें तो अपनी वेबसाइट अपनी ईकामर्स बिजनेस को अकेले भी स्टार्ट करके चला सकते हैं।



6. इसके लिए आपको कहीं भी जाने कि आवश्यकता नहीं होती है आप जब चाहे जहां चाहे वहां से घर बैठे बैठे आराम से अपने ई कामर्स बिजनेस के माध्यम से बिजनेस कर सकते हैं।



ईकॉमर्स बिजनेस मॉडल कैसे तैयार करें?

दोस्तों ईकॉमर्स बिजनेस शुरू करने के लिए उसके बारे में अच्छे से जानकारी प्राप्त करना बहुत जरूरी होता है और अगर हम इसकी जानकारी के बारे में बात करें तो यह 2 तरह से कर सकते हैं।



1-एकल वेंडर स्टोर -

दोस्तों अगर आपका बजट कम है तो आप एकल वेंडर स्टोर को भी चुन सकते हैं इसका मतलब है कि आप कोई भी एक प्रोडक्ट जो आप अपनी वेबसाइट पर सेल करना चाहते हैं अथवा आप किसी अन्य वेबसाइट पर सेल करना चाहते हैं आपको उसे चुनना होता है। इसका यह फायदा है कि आपके पास इसकी पूरी जानकारी और पकड़ होती है और इसमें लागत भी कम आती है।



2 - एकाधिक वेडर स्टोर -

दोस्तों जैसा कि नाम से ही समझ में आ रहा है एकाधिक मतलब एक से अधिक वेंडर मतलब वह सेलर जिसके जरिये सामान बेचा जा रहा है उसमें एक से अधिक वेंडर शामिल होते हैं। 1 से अधिक वेंडर जोड़कर अपने सामानों को एक साथ एक वेबसाइट पर बेचते हैं



और इसके साथ ही एक ही वेबसाइट पर बहुत सारे सामान एक तरह के अथवा अलग अलग तरह के वेंडरों के द्वारा अलग अलग रेंज में मिल जाते हैं। आपके प्रोडक्ट की होम डिलीवरी आसानी से हो जाती है और अगर किसी एक वेंडर के पास वह सामान नहीं है तो आपको वह सामान दूसरे वेंडर के पास मिल ही जाता है।


ई कामर्स बिजनेस का प्रकार कैसे चुने -

1-एकल स्वामित्व (Sole Ownership)-

दोस्तों एकल स्वामित्व का मतलब पूरी वेबसाइट का मालिक सिर्फ एक ही व्यक्ति होता है सारा कंट्रोल उसी के हाथ में होता है और पूरा संचालन भी उसी के द्वारा किया जाता है। इस तरह के संचालन को एकल स्वामित्व कहा जाता है और व्यापार या वेबसाइट से संबंधित जितने भी कागजात होंगे उन सभी का काम वह व्यक्ति ही करेगा जो उस से जुड़ा हुआ है।



2 - एक व्यक्ति कंपनी (One Individual Organization)-

दोस्तों यह एक कंपनी के स्ट्रक्चर को दर्शाता है यानि कि कोई भी व्यक्ति जो कंपनी का मालिक हो और कंपनी को अकेले ही चला रहा हो। उसके साथ अन्य कई व्यक्ति जुड़कर बिजनेस कर रहे हो तो इस प्रकार को एक व्यक्ति कंपनी प्रकार कहते हैं। कंपनी की कोई पार्टनरशिप ना हो और सदस्य के रूप में कोई एक ही व्यक्ति हो।



3 - स्वामित्व दायित्व भागीदारी (Restricted Obligation Association)-

दोस्तों देश में बहुत सारी ऐसी कंपनी है जिसका रजिस्ट्रेशन के तरीके अलग अलग है जो कंपनी इसके अंतर्गत आती है उस कंपनी के आगे एलएलपी लिखा होता है। इसकी जो संरचना है वह किसी फर्म के द्वारा ही इस्तेमाल की जा सकती है। इसके अंतर्गत कंपनी का जो रजिस्ट्रेशन होता है वह बहुत आसान है और उसकी प्रक्रिया में लागत भी बहुत कम आती है। यह व्यक्तिगत पार्टनर से अलग एक कानूनी इकाई भी है।



4 - प्राइवेट लिमिटेड-

दोस्तों कोई भी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी स्टॉक कंपनी है जो अधिनियम 2013 या अन्य किसी अधिनियम के तहत स्थापित की गई है। यह खुद से स्वैच्छिक रूप से बनाए गए व्यक्तियों का एक संघ है। इसका नियम यह है कि इसके तहत कंपनी में अधिकतम व्यक्तियों की संख्या सिर्फ 200 हो सकती है। यह कंपनी का नियम है और किसी भी फर्म में कंपनी के नाम के आगे प्राइवेट लिमिटेड लगा रहता है।



ईकॉमर्स बिजनेस रजिस्ट्रेशन हेतु आवश्यक दस्तावेज -

दोस्तों ई कामर्स बिजनेस के रजिस्ट्रेशन के अलग-अलग प्रक्रिया होती है जिसके लिए अलग-अलग तरह के दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ती है। यहां हम आपको ई-कॉमर्स बिजनेस के लिए रजिस्ट्रेशन में जरूरत पड़ने वाली इन सभी आवश्यक दस्तावेजों के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं। -



1. पैन कार्ड


2. डिजिटल सिग्नेचर ऑफ सर्टिफिकेट


3. जीएसटी रजिस्ट्रेशन नंबर


4. प्रोविडेंट फंड रजिस्ट्रेशन


5. मेडिकल इंश्योरेंस


6. रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज में रजिस्ट्रेशन



दोस्तों ऊपर दिए गए सभी दस्तावेज आवश्यक है ईकॉमर्स बिजनेस के लिए है और इसके साथ ही पैन कार्ड और डिजिटल सिग्नेचर ऑफ सर्टिफिकेट के बाद आपको रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करना पड़ेगा। जैसे ही नाम कंफर्म हो जाएगा उसके बाद ही आपको जीएसटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्रोविडेंट फंड रजिस्ट्रेशन और मेडिकल इंश्योरेंस कराना पड़ेगा।


ई-कॉमर्स कंपनी का रजिस्ट्रेशन कैसे कराएं -

दोस्तों ईकॉमर्स बिजनेस को शुरू करने के लिए सबसे पहला काम रजिस्ट्रेशन कराना होता है इसके लिए हमें ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन फॉर्म भरना होगा। इसके अंतर्गत सबसे पहला रजिस्ट्रेशन आता है डायरेक्ट आईडेंटिफिकेशन का इसके लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन करना होगा इसके लिए आपको मिनिस्ट्री ऑफ कारपोरेट अफेयर्स की वेबसाइट पर लॉगिन करके फॉर्म को फिल करना होगा।



इसमें जिन भी दस्तावेजों का उल्लेख किया गया है वह सभी फिल करने होंगे। जैसे आय प्रमाण पत्र निवास प्रमाण पत्र पैन कार्ड बैंक डिटेल्स जो व्यापार करना चाहते हैं उसकी पूरी जानकारी इत्यादि। इसके पश्चात जैसे ही आपको आईडेंटिफिकेशन नंबर मिलेगा वह नंबर ही सब जगह मेंशन करना होता है और अन्य जगहों पर भी रजिस्ट्रेशन करवा कर उसका नंबर प्राप्त करना पड़ता है ताकि यहां पर आप उसे मेंशनश कर सकें। जैसे कि जीएसटी नंबर, प्रोविडेंट फंड नंबर और के साथ ही मेडिकल इंश्योरेंस भी मांगा जाता है।



ई-कॉमर्स वेबसाइट के लिए अकाउंट कैसे खुलवाया जाए -

दोस्तों इसके लिए सबसे पहले हमें अपनी कंपनी का नाम का चुनाव करना होगा। इसके पश्चात वह नाम भी जीएसटी नंबर के साथ और जितने भी कागजात है उन सभी पर उसी नाम को दर्ज करना होगा।



इसके लिए आप अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी बैंक में अपना खाता खुलवा सकते हैं और अगर आपका ई-कॉमर्स वेबसाइट सिर्फ आपके नाम से एकल स्वामित्व के आधार पर चल रहा है यानी सिर्फ और सिर्फ आप ही उसके मालिक है तो उसके लिए आपको जीएसटी नंबर की भी आवश्यकता पड़ती है।



यहां पर जीएसटी नंबर अंकित किया जाता है। वहीं पर अगर आपने पार्टनरशिप में ई-कॉमर्स बिजनेस अथवा वेबसाइट पर काम शुरू किया है तो आपको जीएसटी नंबर की आवश्यकता नहीं पड़ती। क्योंकि आपका अकाउंट भी पार्टनरशिप के आधार पर ही खोला जाता है। यह अकाउंट भी सामान्य प्रक्रिया से खोला जाता है बस इसके फॉर्म में आपके ई-कॉमर्स वेबसाइट की पूरी डिटेल और आपका स्थाई पता यह सारी चीजें होती है। सामान्यतः आपको इसके लिए करेन्ट अकाउंट कि जरुरत होती है।



ई कामर्स बिजनेस कैसे शुरू करें?

दोस्तों त्योहारों के सीजन में ई-कॉमर्स साइट से सामान को खरीदने और बेचने का सिलसिला जोरो से शुरू हो जाता है। वैसे तो ई-कॉमर्स जैसे साइटों का प्रचलन हमारे देश में विदेशों से ही आया है लेकिन वर्तमान में भारत में ईकॉमर्स साइट से व्यवसाय करने और खरीदारी करने का दौर तेजी से बढ़ा है।



क्योंकि भारत देश जनसंख्या के हिसाब से सबसे आबादी वाला दूसरे नंबर का देश है। इसलिए यहां पर ईकामर्स बिजनेस का प्रचलन भी अब बहुत तेजी से बढ़ रहा है तो अगर आप भी उन लोगों में से हैं। जो ई-कॉमर्स साइट के माध्यम से अपना व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं और इसके बारे में जानकारी इकट्ठा करना चाहते हैं तो चलिए अब हम आपको बताते हैं कि ई-कॉमर्स बिजनेस प्लान कैसे शुरू करें।


1. मार्केट प्लेस का चुनाव करें

दोस्तों अगर आप एक व्यवसाई हैं और आप अपना व्यवसाय ई-कॉमर्स के माध्यम से शुरू करना चाह रहे हैं और इसके बारे में जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं तो आप यह भी जान लीजिए कि ई-कॉमर्स के माध्यम से अपना व्यवसाय बढ़ाने के लिए भी हमें कुछ जरूरी बातों को ध्यान रखना आवश्यक होता है।



जैसे कि अगर आपकी कॉमर्स के माध्यम से अपना व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको सबसे पहले मार्केटप्लेस का चुनाव करना होगा कि आप अपना ईकॉमर्स किस तरीके से चलाना चाहते हैं। मसलन आप पहले से मार्केट में स्थापित ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ हाथ मिलाकर अपना बिजनेस उनके साथ शुरू कर सकते हैं या फिर आप अपनी खुद की ईकॉमर्स साइट बना कर अपने व्यवसाय को बिल्कुल नए तरीके से स्टार्ट कर सकते हैं।



बस इस तरीके से व्यवसाय करने में आपको अपने ई-कॉमर्स साइट को लोगों के बीच प्रचलित करने में काफी वक्त लग सकता है। इसीलिए अगर आप चाहें तो आप मार्केट में पहले से स्थापित ईकॉमर्स साइटों के साथ गठजोड़ करके अपने व्यवसाय को उनके साथ शुरू कर सकते हैं।



दोस्तो हम आपकी जानकारी हेतु बता दें कि इस वक्त भारत में अमेजॉन फ्लिपकार्ट मिशो स्नैपडील इंडियामार्ट आदि बड़े इकॉमर्स वेबसाइट है जिनके माध्यम से लोग अक्सर ऑनलाइन शॉपिंग करना पसंद करते हैं।



वर्तमान में इन कंपनियों ने लोगों के बीच अपना विश्वास बना रखा है जिसकी वजह से आम इंसान इन इकॉमर्स कंपनियों से ही अपने सामान को खरीदना पसंद करते हैं तो आप भी इन कंपनियों के साथ जुड़कर अपना ई-कॉमर्स व्यवसाय शुरू कर सकते हैं अन्यथा आप अपना नया ई-कॉमर्स साइट बनाकर भी अपना नया व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।



2 - कंपनी के नाम का चुनाव करें

दोस्तों अगर आप अपने ई-कॉमर्स के वेबसाइट के जरिए बिजनेस को आगे बढ़ा रहे हैं तो सबसे पहले आप उसके लिए एक अच्छे नाम की तलाश करें जो ना आप लोगों के बीच अपना महत्व स्थापित कर सकें।



दोस्तों वर्तमान में हर कोई घर बैठे बैठे अपने हर उपयोग के समान को मगाना पसंद कर रहा है क्योंकि इसमें उसका समय बहुत बचता है और उसे किसी भी शॉपिंग के लिए अलग से समय निकालने की जरूरत नहीं है और ना ही मार्केट में जाकर उसका घंटो घंटो का समय बर्बाद हो रहा है।



इसलिए आजकल बड़ी संख्या में लोग ई-कॉमर्स माध्यम से ही अपने और अपने जरूरत के चीजों की शॉपिंग कर ले रहे हैं तो अगर आप भी अपना व्यवसाय ई-कॉमर्स के जरिए शुरू कर रहे हैं तो ध्यान देने वाली बात यह है कि आप अपने व्यवसाय को क्या नाम देंगे।



क्योंकि लोगों के बीच अपने ई-कॉमर्स साइट के नाम को पहचान दिलाना बड़ा ही मुश्किल काम है इसलिए नाम का चुनाव बहुत ही सोच समझकर और इस तरीके से करें जो लोगों को तुरंत याद हो जाए और आपके ई-कॉमर्स साइट का नाम लोगों के लिए यूनिक हो क्योंकि हर वह चीज जो यूनिक होती है या नहीं तरीके की होती है लोगों को याद रखने सुनने और बोलने में पसंद आती हैं।


3 - कंपनी का रजिस्ट्रेशन करें

दोस्तों अगर आप ई-कॉमर्स के माध्यम से अपना व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं तो इसके लिए एक और जो चीज ध्यान देने वाली है वही आपको अपने ई-कॉमर्स कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। क्योंकि किसी भी व्यवसाय को शुरू करने के लिए हमें जीएसटी नंबर व्यवसाय पैन कार्ड और व्यवसाय के नाम से खाते की आवश्यकता होगी।



इसलिए हमें अपने कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराना बहुत ही आवश्यक हो जाता है क्योंकि हम अपने व्यवसाय को आगे लोगों के बीच स्थापित करना चाहते हैं और उसे एक ब्रांड बनाना चाहते हैं, इसके लिए हमारे व्यवसाय का कंपनी का रजिस्टर्ड होना बेहद ही जरूरी हो जाता है।



यह व्यवसाय की भविष्य के लिए भी उतना ही आवश्यक होता है जिससे कि आगे चलकर हमें किसी भी प्रकार के समस्याओं के समाधान के लिए हम अपने कंपनी के रजिस्ट्रेशन को दिखाकर किसी भी समस्या से फ़सने से बच पाएंगे।



आपके कंपनी का नाम रजिस्टर्ड होने पर कोई दूसरा व्यक्ति उस नाम से अपनी कंपनी नहीं खोल सके इसके लिए भी आपके कंपनी के नाम का रजिस्ट्रेशन जरूरी हो जाता है। दोस्तों आप अपनी कंपनी को पार्टनरशिप फॉर्म एकल स्वामित्व या फिर प्राइवेट लिमिटेड के तहत रजिस्टर्ड करवा सकते हैं।



4 - डोमेन नाम का चुनाव करें

दोस्तों आपको यहां हम इस बात की भी जानकारी दे दें कि आपको अपना ऑनलाइन ई-कॉमर्स बिजनेस प्लान शुरू करने के लिए सिर्फ कंपनी के नाम का रजिस्ट्रेशन ही काफी नहीं है। इसके लिए आपको कंपनी का डोमेनभी रजिस्टर्ड करना आवश्यक होता है और इसके साथ ही कंपनी की सभी कानूनी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद आपको कंपनी के डोमेन को भी बनाना जरूरी होता है।



स दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखें कि कंपनी का डोमेन सिर्फ डॉट कॉम और डॉट इन एक्सेंट में ही बनाया जाता है लेकिन इस प्रक्रिया को आप कंपनी के नाम को रजिस्टर्ड कराने से पहले ही पुरी कर ले। क्योंकि कभी-कभी ऐसा भी होता है कि आप जिस नाम को सोच कर उसका रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं



तो हो सकता है किसी ने उस नाम से पहले ही अपना रजिस्ट्रेशन कराकर स्टोर शुरू किया हुआ है। उस स्थिति में आपको आपके नाम का डोमेन नहीं मिल पाएगा इसलिए आपको अपने ई-कॉमर्स स्टोर के लिए डोमेन रजिस्टर्ड कराना भी आवश्यक होता है।



5 - ई कामर्स वेबसाइट बनाए

अब सभी प्रक्रियाओं को पूरा कर लेने के बाद आप अपने ऑनलाइन ई-कॉमर्स के लिए वेबसाइट तैयार करें। जिस पर जाकर लोग शॉपिंग कर पाएंगे अगर आप वेबसाइट बनाने के बारे में जानते हैं तो आपके लिए या बहुत ही आसान प्रक्रिया होगी।



लेकिन अगर आप वेबसाइट तैयार करना नहीं जानते हैं तो भी घबराने वाली कोई बात नहीं है आप एक वेबसाइट डिजाइनर से संपर्क करके अपने ऑनलाइन ई-कॉमर्स वेबसाइट को तैयार करा सकते हैं जिसके लिए आपको उस वेबसाइट डिजाइनर को कुछ पैसे भी देने होंगे।



6 - उपभोक्ताओं तक पहुंच बनाए

दोस्तों अगर आप अपना ऑनलाइन ई-कॉमर्स व्यवसाय ऐसी कंपनियों के साथ शुरू कर रहे हैं जो पहले से ही लोगों के बीच अपनी पहचान बना चुके है तो आप को उपभोक्ताओं तक पहुंच बनाने के लिए ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं होगी।



लेकिन अगर आप खुद का अपना ई-कॉमर्स वेबसाइट डेवलप कर रहे हैं और लोगों के बीच वह नया है तो उसे लोगों तक उपभोक्ताओं तक पहुंचने में या पहुंचाने में आपको बहुत मेहनत करनी पड़ सकती है। आपको अपने ई-कॉमर्स स्टोर के उपभोक्ताओं के बीच मार्केटिंग करने की जरूरत होगी क्योंकि आपका स्टोर लोगों के लिए नया है और इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है तो आपके ऑनलाइन ई कॉमर्स स्टोर में विश्वास दिखाना लोगों के लिए थोड़ा मुश्किल हो जाता है।



क्योंकि लोग इसमें अपना पैसा लगाकर सामान खरीदते हैं तो वह सामान उन तक किस क्वालिटी का आएगा इसके बारे में ग्राहक को संतुष्टि नहीं होती है। इसलिए अगर आप अपना नया ऑनलाइन ई-कॉमर्स स्टोर खोल रहे हैं तो आपको उसका नाम और अपने स्टोर के विश्वसनीयता को लोगों के बीच स्थापित करने के लिए मार्केटिंग करने की जरूरत होगी।



ताकि आप उपभोक्ताओं तक अपनी पहुंच बना सके इसके लिए आप अलग से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अपने ई-कॉमर्स स्टोर का प्रचार प्रसार कर सकते हैं वहीं अन्य माध्यम से भी आप इसकी मार्केटिंग करके उपभोक्ताओं तक पहुंच सकते हैं।


7 - विक्रेताओं को रजिस्टर्ड करे

दोस्तों क्योंकि आप अपना एक नया ऑनलाइन ई-कॉमर्स स्टोर खोल रहे हैं इसलिए आपको उपभोक्ताओं तक पहुंच बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के चीजों को ऑनलाइन भेजने की आवश्यकता होगी। इसलिए आप सिर्फ एक वस्तु के साथ इस ऑनलाइन को नहीं चला पाएंगे इसके लिए अच्छा होगा कि आप अपने आसपास साइयों से संपर्क कर उन्हें अपने ऑनलाइन व्यवसाय से जुड़े और अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाएं।



आप चाहे तो खुद भी अन्य सामानों को खरीद कर खुद ही विभिन्न प्रकार के चीजों की लिस्टिंग करके आप या व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। लेकिन अगर आप का खुद का ही कॉमर्स स्टोर है तो इसके लिए आपको प्रमोशन की भी आवश्यकता होगी।



इसलिए आपका पूरा ध्यान इसी पर होना चाहिए इसलिए अच्छा होगा कि आप विभिन्न विक्रेताओं से संपर्क करके उन्हें अपने ऑनलाइन ई-कॉमर्स स्टोर से जुड़े और उनके सामानों को ऑनलाइन भेजें जो आपके लिए ज्यादा लाभकारी होगा।



8 - लोगों को अपने बिजनेस में कैसे आकर्षित करें -

दोस्तों इकॉमर्स बिजनेस के लिए लोग ऑनलाइन बहुत तरीके से लोगों को आकर्षित कर सकते हैं। ऑनलाइन माध्यमिक ऐसा माध्यम है जिसके जरिए आप सभी तक आसानी से अपने उत्पाद कि पहुंच बना सकते है। और आजकल स्मार्टफोन और डिजिटल मीडिया का जमाना है जिसके चलते सभी अपनी स्मार्ट जीवनशैली में स्मार्ट फोन और कंप्यूटर लैपटॉप का इस्तेमाल तो करते ही हैं विज्ञापन का सहारा ले सकते हैं लोगों पर व्हाट्सएप के जरिए इंस्टाग्राम के जरिए फेसबुक के जरिए अपने ऐड को वहां तक पहुंचा सकते हैं।



इन सभी प्लेटफार्म के माध्यम से आप अपने प्रोडक्ट का प्रचार कर सकते हैं और इसके साथ ही आप इसका विभिन्न चैनलों पर कुछ पेमेंट करा कर थोड़े थोड़े समय के लिए ऐड भी करवा सकते हैं। आपके प्रोडक्ट का ऐड होने लगता है तो इससे आपको काफी फायदा देखने को मिल सकता है।



आप सभी ने देखा होगा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी बड़ी-बड़ी कंपनियों के एडवर्टाइजमेंट को चलवाते हुए आप भी चाहें तो अपने प्रोडक्ट के ऐड तैयार करवा सकते हैं और इस तरह से लोगों के बीच आपकी पहुंच बनेगी और लोग आपको तेजी से जानेंगे।



वेबसाइट कैसे तैयार करें -

दोस्तों वर्तमान समय में वेबसाइट डिजाइन करने और करवाने का चलन बहुत ही तेजी से बढ़ गया है और लोग अपनी कंपनी के लिए वेबसाइट तैयार कराने के लिए वेब डेवलपर या वेब डिजाइनर या फिर किसी ऐसी एजेंसी कि खोज में रहते हैं जो उनके लिए उनका वेबसाइट डिजाइन करके उन्हें दे सके।



अगर आप उन लोगों में से हैं जिन्हें वेबसाइट डिजाइन करने के बारे में जानकारी है तो इस वक्त आप अपने इस हुनर का फायदा उठा सकते हैं। जैसा कि हम बात कर रहे हैं ई कामर्स वेबसाइट कि जो वेबसाइट डिजाइन करते है। करना सीखना चाहते हैं और इसके बारे में जानकारी ले रहे हैं।



1 - होस्टिंग

दोस्तों अगर आप एक वेब डेवलपर बनना चाहते हैं तो आपको इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि वह वेबसाइट क्या चीज होती है। दोस्तों जब हम किसी भी कंपनी का वेबसाइट डिजाइनिंग करते हैं तो उसके लिए हमें एक होस्टिंग को खरीदना होता है।



वेबसाइट डिजाइन करते समय होस्टिंग इतना जरूरी क्यों है इसके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए। दोस्तों आसान भाषा में कहें तो किसी भी वेबसाइट को डिजाइन करने के लिए होस्टिंग एक ऐसी चीज है जिसमें हम जिस भी कंपनी के लिए वेबसाइट डिजाइन कर रहे हैं उसमें होस्टिंग के द्वारा ही सारा डाटा सेव किया जाता है।



इन शॉट जिसमें कंपनी का सारा डाटा उपलब्ध होता है इसीलिए किसी भी कंपनी का वेबसाइट डिजाइन करने के लिए हमें होस्टिंग पर्चेस करनी होती है आप को बता दें कि आप होस्टिंग होस्टिंगो, साइटग्राउंड, बिगरॉक जैसी कंपनी से खरीद सकते हैं।


2 - वर्डप्रेस

दोस्तों अगर आप कोडिंग जानते हैं तो आपको वेबसाइट डिजाइन करने में आसानी होगी। लेकिन अगर आप इसके बारे में नहीं जानते हैं तो आप वर्डप्रेस के माध्यम से भी वेब डिजाइनिंग कर सकते हैं। वर्डप्रेस के माध्यम से हम किसी भी वेबसाइट को डिजाइन कर सकते हैं और आपको बता दें कि वर्डप्रेस एक ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर है या एक कंटेंट मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर है।



जिस पर आप अपना टेक्स्ट फोटो वीडियो और अन्य डाटा स्टोर कर सकते हैं और अपने वेबसाइट पर सो कर सकते हैं। दोस्तों लगभग सभी वेबसाइट डिज़ाइनर वर्डप्रेस के बारे में जानते है क्योंकि इसकी मदद से ही वह एक वेबसाइट डिजाइन करते है।



3 - वेबसाइट डिजाइन

दोस्तों अगर आप एक वेब डेवलपर के तौर पर वेबसाइट डिजाइन करना चाहते हैं तो आपको बता दें कि आप व प्रेस के माध्यम से आसानी से वेबसाइट डिजाइन कर सकते हैं। इस पर आपको पहले से वर्डप्रेस थीम दी होती हैं जिसको इंस्टॉल करके आप उसी थीम के जरिये वेबसाइट डिजाइन कर सकते हैं।



वर्डप्रेस पर वेबसाइट डिजाइन थीम दो प्रकार की होती हैं एक पेड दूसरा अनपेड दोस्तों जहां अनपेड डिजाइन में आपको वेबसाइट डिजाइन करने के लिए लिमिटेड डिजाइन ही मिलते हैं। लेकिन अगर आप पेड डिजाइन का चुनाव करते हैं तो इसमें आपको वेबसाइट को डिजाइन करने के लिए कई तरीके के थीम मिल जाते हैं। जिसके तहत ऐसे आप खूबसूरत तरीके से किसी भी कंपनी के वेबसाइट को डिजाइन कर सकते हैं और लोगों के बीच उसे आसानी से स्थापित कर सकते हैं।



4 - वर्डप्रेस प्लगइन

दोस्तों जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया कि वर्डप्रेस के माध्यम से किसी भी वेबसाइट को डिजाइन करना बहुत आसान होता है। लेकिन अगर इसे बेहतरीन वेबसाइट बनाना है तो आपको वर्डप्रेस प्लगइन का उपयोग करना होता है।



उदाहरण के तौर पर समझाएं तो जब हम शोरूम में गाड़ी खरीदने जाते हैं तो हमें गाड़ी के साथ-साथ उसे मेहनत करने के लिए उसमे अलग से कुछ टूल्स दिए जाते हैं उसी प्रकार जब हम वेबसाइट डिजाइन करते हैं तो वर्डप्रेस के माध्यम से वेबसाइट डिजाइन करने के लिए हमें अलग से कुछ टूल्स दिए जाते हैं जिन्हें हम प्लगइन कहते हैं।



जिसकी मदद से यानि कि वर्डप्रेस प्लगइन से हम आसानी से बेहतर तरीके से किसी भी कंपनी की वेबसाइट को बहुत ही खूबसूरती से डिजाइन कर सकते हैं। वर्डप्रेस लॉगइन के माध्यम से वेबसाइट डिजाइन करना एक वेबसाइट डेवलपर के लिए बहुत ही आसान हो जाता है।



5 - पेमेंट गेटवे

क्योंकि आप एक ऑनलाइन ई-कॉमर्स स्टोर के लिए वेबसाइट डिजाइन कर रहे हैं इसलिए आपको उसमें पेमेंट गेटवे को मैनेज करना जरूरी होता है‌। क्योंकि यह एक ऑनलाइन स्टोर है जिससे ग्राहक सामान ऑनलाइन खरीद लेगा तो कंपनी को पेमेंट भी ऑनलाइन ही करना होगा।



इसके लिए आपको अपने ई कामर्स वेबसाइट पर पेमेंट गेटवे का ऑप्शन देना होगा जिस पर जाकर ग्राहक आसानी से पेमेंट कर पाएंगे। इसलिए ई कामर्स एक वेब डिजाइनर के तौर पर आपको पेमेंट गेटवे के ऑप्शन को और कंपनी के वेबसाइट में तैयार करना जरूरी होता है।



जिससे आसानी से लोग ऑनलाइन पेमेंट कर पाए आप हमेशा एक अच्छी कंपनी के गेटवे को ही खरीदें जिससे ऑनलाइन पेमेंट सुविधा जाना आसानी से हो और आपके लिए विश्वसनीय हो।



6 - प्रोडक्ट लिस्ट करें

दोस्तों चलिए अब हम अपनी वेबसाइट पर उपस्थित उत्पादों को लिस्ट करते हैं जिन्हें हमें ग्राहकों के बीच भेजना होता है। जिसे वह खरीद सके तो वेबसाइट डिजाइन की सभी चरणों को पूरा करने के बाद आपको प्रोडक्ट लिस्ट करने की जरूरत होती है।



जिसे आप अपने ग्राहक तक पहुंचाना चाहते हैं क्योंकि आज हर कोई अपने हर जरूरत के सामान को ऑनलाइन ही खरीद रहा है और जो उसे आसानी से बस एक क्लिक में अपने तक पहुंचा हुआ पा रहा है। इसलिए आपको तरह तरह के प्रोडक्ट की लिस्टिंग अपने वेबसाइट पर ही करना होगा जो आपके ऑनलाइन ई-कॉमर्स स्टोर के लिए लाभदाई होगा जिससे एक ही जगह पर ग्राहक को उसके जरूरत की सभी सामान मिलने पर वह आसानी से अपने सुविधानुसार चीजों को आर्डर कर पाएगा।



इसलिए आप यह काम अच्छी तरीके से अपने वेबसाइट डेवलपर से ही करवाएं इसके लिए आप अपने हर प्रोडक्ट के सभी एंगल से अच्छी तरीके से प्रोफेशनल फोटो शूट कर उसकी लिस्टिंग अच्छे से करा सकते हैं। जिससे उपभोक्ता उस प्रोडक्ट के लिए आकर्षित हो और सामान को ऑर्डर कर सके।


7 - लॉजिस्टिक का प्रबंध

दोस्तों ग्राहक के द्वारा आर्डर की गई वस्तुओं को उन तक पहुंचाने के लिए हमें लॉजिस्टिक का प्रबंध भी करना पड़ता है। जिसके माध्यम से ही हम ग्राहकों के उत्पाद को उन तक पहुंचा पाएंगे आपको अपने प्रोडक्ट को ग्राहक द्वारा आर्डर किए जाने पर और तक सही सलामत पहुंचाने के लिए आपको अच्छे लॉजिस्टिक्स का प्रबंध करना होगा।



क्योंकि अगर आपका प्रोडक्ट कंपनी से ग्राहक तक सही तरीके से नहीं पहुंच पाएगा तो ग्राहक का विश्वास आपके स्टोर से हट सकता है और वह उसकी खराब पब्लिसिटी भी कर सकता है जिससे अन्य ग्राहक भी आपके स्टोर से सामान ऑर्डर करने से डरेंगे।



इसलिए आपको प्रोडक्ट लिस्ट करने के बाद ग्राहक द्वारा आर्डर किए जाने पर सामान को सही तरीके से ग्राहक तक पहुंचाने के लिए लॉजिस्टिक का प्रबंध करना बहुत जरूरी होता है और अच्छे लॉजिस्टिक का चुनाव करना आपके लिए जरूरी हो जाता है जो आपके प्रोडक्ट को सही सलामत ग्राहक तक पहुंचा सके।

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